अभी अभी थी धूप, बरसने लगा कहाँ से ये पानी। अभी अभी थी धूप, बरसने लगा कहाँ से ये पानी।
बिछड़ के भी ये शख्स जिंदा कैसे रह गया! बिछड़ के भी ये शख्स जिंदा कैसे रह गया!
दिल दिल
मान भी जाओ ना मान भी जाओ ना
पंख पंख
फसाने कभी कम ना होंगे जुदा होकर भी हम जुदा ना होंगे कश्ती लगेगी किनारे यकीनन बस लहरों फसाने कभी कम ना होंगे जुदा होकर भी हम जुदा ना होंगे कश्ती लगेगी किनारे यकीनन ...